Dipawali. 2024 : दो रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज हुए अयोध्या दीपोत्सव
Deepotsav in Ayodhya: दीपोत्सव के मौके पर अयोध्या में दो रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुए। अयोध्या में इस बार 25 लाख 12 हजार 585 दीप जले। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
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उल्लास में डूबे संत बोले...ऐसा लगा फिर लौट आया त्रेता युग
Deepotsav in Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव पर रामनगरी के संत-महंत खासतौर पर उल्लासित रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा मानो फिर से त्रेता युग लौट आया हो। इस पर्व को उन्होंने आस्था और श्रद्धा निवेदित करने का अद्वितीय अवसर बताया। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान की सराहना भी की।
संत समाज ने योगी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीरामलला के पुनः अपने महल में विराजमान होने का यह दिव्य अवसर सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है। संतों का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को फिर से संजीवित किया है। इससे संपूर्ण संत समाज में प्रसन्नता है।
दशरथ महल के महंत बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि दीपावली और दीपोत्सव सनातन धर्म का आधार है। इस बार का दीपोत्सव विशेष है क्योंकि प्रभु श्रीराम का अयोध्या में अपने धाम में पुनः आगमन हुआ है। यह दीपोत्सव प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने का विशेष अवसर है। इससे संतजन हर्षित और पुलकित हैं। आज अयोध्या वही दृश्य फिर से प्रस्तुत कर रही है, जो त्रेता युग में श्रीराम के आगमन पर देखने को मिला था।
चौबुर्जी मंदिर के महंत बृजमोहन दास ने दीपोत्सव को लेकर अपनी रचित पंक्तियों के माध्यम से भावना व्यक्त की। उनका कहना है कि श्रीरामलला के अयोध्या में विराजमान होने से न केवल संत समाज, बल्कि अयोध्या की पूरी जनता गर्वित है और इस दीपोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। बधाई भवन मंदिर के महंत राजीव लोचन शरण महाराज ने कहा कि त्रेता युग में श्रीराम के अयोध्या आगमन पर जो दिव्य दृश्य था, वह आज पुनः हमारे सामने है। हम संतजन इस ऐतिहासिक क्षण को देखकर हर्षित हैं।
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