हिमाचल की मंडी नगरी में देवी देवता फिर रचेंगे इतिहास

हिमाचल की मंडी नगरी में देवी देवता फिर रचेंगे इतिहास

मंडी की रानी नंगे पांव चल कर करती थी शुकदेव ऋषि के दर्शन 

मण्डी शिवरात्रि मेला में शामिल होंगे शुकदेव ऋषि जी थट्टा 

लाव लश्कर हारयानों संग मेले के किए रवाना हिमाचल की मंडी नगरी में देवी देवता फिर रचेंगे इतिहास


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मंडी नगरी में देवी देवता इतिहास फिर रचेंगे। दो सौ देवी देवता के साथ  शुकदेव ऋषि जी थट्टा मण्डी शिवरात्रि मेला में शामिल होंगे। 

18 फरवरी 2023 को मण्डी शहर में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेला 2023 का आगाज होने जा रहा है। जिसमे 17 फरवरी शुक्रवार को बड़ा देव कमरुनाग जी, शुकदेव ऋषि डगांडू, शुकदेव ऋषि थट्टा, देवी बगलामुखी जी पण्डोह, राजमाता बुढ़ी भैरवा जी पण्डोह, देव बुढ़ा बिंगल जी शामिल होंगे और राज माधव के समक्ष हाजिरी भरेंगे तथा उपायुक्त मण्डी सभी देवी देवताओं का स्वागत करेंगे।  

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जानकारी देते हुए शुकदेव ऋषि मंदिर कमेटी के प्रधान और सर्व देवता कमेटी मण्डी के उपाध्यक्ष मोहन लाल ठाकुर ने बताया कि शुकदेव ऋषि थट्टा शिवरात्रि मेला तीसरे स्थान पर है। आज शुकदेव ऋषि थट्टा अपने हारयानो कारदार संग मण्डी शिवरात्रि मेला के लिए अपनी कोठी घट्टा से रवाना हुए हैं। देवता जी शिवावदार, 9 मिल होते हुए वीरवार को मण्डी स्थित अपनी कोठी में विराजमान ही होंगे। वहीं शुक्रवार को

 पड्डल मैदान में राज माधव की छड़ी देवता का स्वागत करने आएगी है।  तदोपरांत देवता राज माधव के समक्ष हाजिरी भरतें है।



देवता का राज परिवार से है एक विशेष नाता।

देवता का मंडी के राज परिवार में बहुत महत्व है। मण्डी रियासत की रानी किरण कुमारी नंगे पांव देवता के दर्शन करने आती थी देवता ने उनकी मनोकामना पूर्ण की थी। फलस्वरूप उन्होंने देवता को राजमहल में भुमि दान भी की है जहां देवता की भव्य कोठी बनी हुई है। मण्डी शहर में शुकदेव ऋषि जी एकमात्र ऐसे देवता हैं। जिनकी अपनी तीन मंजिला कोठी है। मेले के दौरान देवता का रात्रि ठहराव इसी कोठी में होता है।

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