New Punchayat: सुंदरनगर में नई पंचायत बनाने को लेकर पूर्व सीपीएस को सौंपा मांग पत्र

New Punchayat:  सुंदरनगर में नई पंचायत बनाने को लेकर पूर्व सीपीएस को सौंपा मांग पत्र

New Punchayat:  सुंदरनगर में नई पंचायत बनाने को लेकर पूर्व सीपीएस को सौंपा मांग पत्र


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सुंदरनगर। 

पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर को ग्रामीणों का प्रतिनिधि मंडल मिला और समस्याओं को लेकर मांग पत्र सौंपा। ग्रामीणों में दुर्गा सिंह, बाबू राम, चांदू राम, जीत राम सहित ओम चंद ने समस्याओं पर चर्चा करते हुए नई पंचायत के गठन की मांग भी की है। हिमाचल में नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई है।  जिसके तहत सुक्खू सरकार चाहती है कि नई पंचायतों का गठन हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को हो सके।

ग्रामीणों ने समस्याओं की भी लगाई गुहार 

वर्ष  2020 में भी जड़ोल कांगु सहित विभिन्न विभिन्न में नई पंचायत के गठन की बढ़ी आबादी के लिहाज से मांग की गई थी। लेकिन किसी कारण मांग पूरी नहीं हो पाई थी। जड़ोल पंचायत में बायला पंचायत से एक त्रेहानवीं वार्ड अलग से शामिल किया गया था। वर्तमान में पंचायत के कई वार्डों में विकास कार्य भी थम गए है, और लोगों को अपने कार्यों को लेकर भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 


हिमाचल प्रदेश में बनेंगीं नई पंचायतें, सरकार ने डीसी से मांगे प्रस्ताव

बता दे कि हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के अगले साल होने वाले चुनाव से पहले नई ग्राम पंचायतें बनाई जाएंगी। इससे पहले पंचायतों का पुनर्सीमांकन भी होगा। सरकार ने सभी उपायुक्तों से प्रस्ताव मांगे हैं। अभी प्रदेश में 3,615 ग्राम पंचायतें हैं। नई पंचायतें बनीं तो कई पंचायतों की सीमाएं भी बदलेंगी और इनका नए सिरे से पुनर्सीमांकन भी किया जाएगा। 

अप्रैल तक पूरा करना होगा नई पंचायतें बनाने का काम

त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रणाली के चुनाव दिसंबर 2025 में प्रस्तावित हैं। इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं। पिछली बार भी पंचायत चुनाव से पहले वर्ष 2020 में भी 412 नई पंचायतें बनीं थीं। उसके बाद पुनर्सीमन की प्रक्रिया चली, जिसमें कुछ पंचायतें नगर निकायों में मर्ज हो गईं थीं। ऐसे में नई 389 पंचायतों की बढ़ोतरी ही दर्ज हुई। नई बनने से पहले पंचायतों की संख्या 3,226 थी। जानकारी के अनुसार पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि नई पंचायतें बनाने का काम अप्रैल तक पूरा करना होगा। पुनर्सीमन भी समय पर करना होगा। नई पंचायतों के गठन और इनकी नए सिरे से सीमाएं तय करने के बाद आरक्षण रोस्टर का स्वरूप बदलेगा।


                                                     लोगों की जायज मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई पंचायतें आबादी के लिहाज से काफी बढ़ी है, उन्होंने कांगू पंचायत की चर्चा करते हुए कहा कि फोरलेन निर्माण के कारण भी यहां के देहवीं सहित कई गांव पंचायत से काफी अगल से हो गए है। जबकि यही हाल जड़ोल ग्राम पंचायत का है। जिनमें लोगों की सुविधा के मध्य नजर नई पंचायत का गठन अति आवश्यक हो गया है। नई ग्राम पंचायतों को बनाने के लिए उपायुक्तों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। नियमानुसार नई पंचायतें बनाना जरूरी हुईं तो इनका गठन किया जाएगा। 

सोहन लाल ठाकुर, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक सुंदरनगर, जिला मंडी।

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