सरकार की गलत नीतियों के शिकार हिमाचल के ठेकेदार

सरकार की गलत नीतियों के शिकार भवन और सडक़ निर्माण के ठेकेदार

जबरन लिए जी.एस.टी. की राशि नहीं किया भुगतान  

प्रदेश कांट्रेक्टर यूनियन ने लगाए सरकार पर आरोप 

स्पष्ट नीतियों के अभाव में कारोबारियों की हॉलत खराब 


सुंदरनगर 27 दिसम्बर 

नेक्स्ट न्यूज हिमाचल 

 

हिमाचल प्रदेश सरकार की लापरवाही और स्पष्ट नीतियों का खामियाजा कारोबारी और ठेकेदारों को भुगतना पड़ रहा है। एक तरफ  भवन और सडक़ निर्माण के ठेकेदारों की कोविड के दौरान एक तरफ लेबर के पलायन जैसी घटना से जूझना पडा है। वहीं दूसरी तरफ  जी.एस.टी. के एक मुश्त भुगतान को मजबूर किया गया। जिससे कारोबारी और ठेकेदारों की हालत खराब कर दी है और इस वर्ग को भारी मुसीबत में डाल दिया है। प्रदेश कांट्रेक्टर यूनियन के पदाधिकारी प्रभारी केशव नायक ने कहा कि प्रदेश और देश की डबल इंजन सरकार के दौर में भी साफ नीतियां नहीं बन पाई है। उन्होंने मांग की है कि ठेकेदारों से गलत लिए गए जी.एस.टी. की राशि के भुगतान को भी ब्याज सहित तुरन्त वापिस किया जाए। उन्होंने कहा कि रॉयलटी के मामले मेें सरकार ने नियम संसोधित करते समय संबंधित आपत्तियों को दर्ज कराने में समय तक नहीं दिया है। 

ठेकेदारों के बिल वर्तमान रॉयलिटी की अस्पष्ट नीति के कारण भुगतान के लिए सरकारी कार्यालयों में लंबित पड़े है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी., रॉयलिटी, 10 सी. आर्बिट्रेशन क्लाउज आदि के संसोधित निर्धारण में विश्वास में नहीं लिया जा रहा है। 


जी.एस.टी. के लागू होने से पहले के कार्यों पर भी विभाग द्वारा जी.एस.टी. थोपा और आज तक उसका भुगतान ठेकेदार को नहीं किया गया। यह इस वर्ग के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ठेकेदारों पर पेनल्टी और साथ में ब्याज वसूल किया। जिससे ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति इतनी कमजोर कर दी कि उन्हें निजी संपतियां बेचकर सरकार का भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की है कि ठेकेदार से गलत लिए गए जीएसटी के भुगतान को भी ब्याज सहित तुरन्त वापिस करे। उन्होंने कहा कि सरकार समय रहते ठेकेदारों के साथ हो रही वित्तीय ज्यादतियों के प्रति सजग नही होती, तो ठेकेदारों को भी अपने हितों की रक्षा के लिए सडकों पर उतरना पड़ेगा। 

About Himachaltoday.in -by Ansari.

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any Quary than