राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा की अगुवाई में सीएम से मिला शिक्षक महासंघ - शिक्षकों की मांगों पर मंथन को हाई पावर कमेटी की बैठक बुलाए सरकार

शिक्षकों की मांगों पर मंथन को हाई पावर कमेटी की बैठक बुलाए सरकार 

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के साथ वार्ता करने का सीएम से किया आग्रह 

राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा की अगुवाई में सीएम से मिला शिक्षक महासंघ 


सुंदरनगर 1 जनवरी 

नेक्स्ट न्यूज ब्यूरो:  


शनिवार को हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला। इस अवसर पर कई अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

प्रतिनिधिमंडल ने हाई पावर कमेटी की जल्द बैठक बुलाने का आग्रह किया और उसमें हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के साथ वार्ता करने का आग्रह किया।


अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा की अगुवाई में मुख्यमंत्री हिमाचल की सरकार जयराम ठाकुर से मिला । शिष्टमंडल ने शिक्षकों से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर उच्चस्तरीय बैठक करवाने का आग्रह  किया। साथ ही नववर्ष की बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं दी ।



अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा की अगुवाई में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ शिक्षक महासंघ 

प्रांत मीडिया प्रमुख शशि शर्मा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने बहुत सारी समस्याएं जो पाठशाला और अध्यापकों से संबंधित हैं का निराकरण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में  कर 

दिया है। जिसके लिए महासंघ ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। 



शशि शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के द्वारा किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के सामाजिक और राष्ट्रहित के कार्यक्रमों की चर्चा की गई। जिसमें प्रदेश भर में कर्तव्य बोध दिवस जो 13 जनवरी से 26 जनवरी तक, प्रतिभा सम्मान समारोह, गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु वंदन कार्यक्रम, शाश्वत जीवन मूल्य अभियान, नव वर्ष शुभेच्छा कार्यक्रम जैसे कई अन्य कार्यक्रम प्रदेश भर में करवाता है।

शशि शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में 18 लाख 50000 की राशि, प्रधानमंत्री के अकाउंट में 2.56.000 की राशि, हिमाचल प्रदेश शिक्षक ने पश्चिम बंगाल के लिए 30100 की राशि और इंजेक्शन लगाने के बाद प्रधानमंत्री के अकाउंट में 42170 की राशि दान की। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के कार्यकर्ताओं ने 6732 राशन किटें गरीब परिवारों में बांटी। कोरोना काल में गरीब बस्ती में गरीब परिवार और मजदूरों के 3232 परिवारों तक भोजन के पैकेट उपलब्ध करवाएं।

हिमाचल हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के सहयोग हेतु अपने हेल्पलाइन नंबर जारी करके 332 कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर प्रदेश भर में दिन.रात काम किया और जिसमें 248 लोगों ने विभिन्न चेकपोस्ट प्रभु सेवाओं के साथ 1000 से ज्यादा अध्यापकों ने अपनी सेवाएं दी। हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ ने सेवा कार्य में हमारे समाज के 687 कार्यकर्ताओं ने घर.घर जाकर लोगों को जागृत किया। कोरोना के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर माननीय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में बेबीनार करवाया और प्रांत विभाग और जिला स्तर पर आयोजन किया जिसमें अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी सहित वरिष्ठ प्रचारकों का मार्गदर्शन मिला। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के कार्यकर्ताओं ने हर घर पाठशाला को सफल बनाने के साथ.साथ यूट्यूब चैनल के तहत विभिन्न प्रकार के लेसन प्लान बनाया और अपने खर्चे पर बच्चों को पढ़ाने का कार्य किया तथा अध्यापकों ने घर.घर जाकर बच्चों का पठन.पाठन की सामग्री प्रदान की। 

शिक्षक महासंघ ने प्रदेश के जरूरत मंद बच्चों को 87 मोबाइल फोन वितरित किए। इसके साथ हिमाचल के शिक्षक महासंघ ने अभी तक के 4 बच्चों में 2 प्रांत अधिवेशन 20 जनवरी 2019 को ऊना में जिसमें 8213 अध्यापक, 8 अगस्त 2021 को मंडी में कंसा में 3287 शिक्षक और शिक्षा भूषण समारोह अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह जिला शिमला से कुफरी में करवाया गया। जिसमें विश्व विख्यात सन्त ज्ञानानंद जी महाराज और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

प्रांत उपाध्यक्ष मामराज पुंडीर ने बताया कि जेबीटीऔर भाषा अध्यापक जिनकी नियुक्ति जिला स्तर पर होती है उनका ट्रांसफर में लगी शर्त को 13 वर्ष से 5 वर्ष कराया गया और अपने जिले में नियुक्त करने का अवसर दिया गया। नए वेतनमान की सिफारिशों को लागू करवाया गया।अनुबंध काल 2 वर्ष का करवाया गया। टैट की शर्त को आजीवन करवाया गया। व्यवसायिक  शिक्षकों का वेतनमान 19000 किया गया। गोपनीय सूचना रिपोर्ट को ऑनलाइन करवाया गया। एनएसआरटी के तहत नियुक्त अध्यापकों को जेबीटी अनुबंध पर लाया गया। 



अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि बाकी बची हुई हमारी ज्वलंत 12 समस्याओं को जल्द निराकरण किया जाए। -जिनमें भाषा अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिया जाए। 

-2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति में पहले की तरह मुख्याध्यापक व प्रवक्ता की पदोन्नति दोनों तरह के ऑप्शन दिए जाएं। 

-प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नातक को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन किया जाए।

-एक जनवरी 2004 से पूर्व की पेंशन योजना बहाल की जाए।

-2016 के बाद प्राचार्य व मुख्य अध्यापक पद की पदोन्नति नियमित की जाए। 

-2012 से पूर्व नियुक्त जेबीटी पद हुए एचटी को पदोन्नति वेतनवृद्धि प्रदान की जाए। 

-07. 07.14 के सूचना को रद्द कर 4.9.14 एसीपी का लाभ तथा 2009 की अधिसूचना के अनुसार दी जाए। 

-प्रवक्ता न्यू के स्थान पर प्रवक्ता पद नाम किया जाए। 1986 की आरएंडपी रूल बहाल किये जाएं। 

-योग्यता पूर्ण करने वाला डीपी अध्यापकों को प्रवक्ता फिजिकल एजुकेशन घोषित किया जाए तथा एक समान ग्रेड पे 5400 जाए। 

-शिक्षा विभाग में 20 वर्षों से कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनाकर शिक्षा विभाग अपने अधीन लिया जाए। 

-आउटसोर्सिंग के तहत नियुक्त वोकेशन अध्यापक व डाटा ऑपरेटर को तर्कसंगत नीति बनाई जाए।


(अंसारी)

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